जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी में सेहत व जीवन के बाद सबसे ज्यादा नुकसान रोजगार के क्षेत्र में देखा गया। नवंबर के मुकाबले दिसंबर माह में बेरोजगारी दर में अचानक दोगुनी होकर दस फीसदी हो चुकी है। यह संकेत है कि 2021 में नागरिकों के लिए नौकरियों का बंदोबस्त करना देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाली है।
संगठित क्षेत्र में गई 30 लाख नौकरियां
ईएफओ के खाते बंद होने या उनमें योगदान जमा न होने के आधार पर आंकलन है कि तालाबंदी के पहले छह महीनों में संगठित क्षेत्र में 25 से 30 लाख लोगों की नौकरियां गई । इस क्षेत्र में करीब 4 करोड़ लोग आते हैं। आंकड़ों के मुताबिक करीब पांच प्रतिशत नौकरियां खत्म हुईं।
गांवों में पहुंची बेरोजगारी
आमतौर पर गांवों की बेरोजगारी राष्ट्रीय और शहरी औसत से कम रहती थी। दिसंबर 2019 में जब देश के 7.60 प्रतिशत और शहरों के 9.02 प्रतिशत लोग बेकार थे, गांवों में यह आंकड़ा 6.93 था। अप्रैल 2020 में भी यह क्रमश: 23.52, 24.95 व 22.89 थी। फिर फासला घटता गया। 27 दिसंबर तक यह 9.09, 8.96 और 9.14 प्रतिशत हो चुका था।
बढ़ी, फिर घटी और फिर बढ़ गई बेरोजगारी
सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार महामारी की वजह से जून 2020 में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर देखी गई, जब यह 27.10 प्रतिशत पहुंच गई थी। वहीं नवंबर के पहले सप्ताह में यह 5.45 प्रतिशत रही तो दिसंबर के आखिर सप्ताह में यह दो गुनी मतलब 10.10 प्रतिशत पर पहुंच गई।
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अशिक्षित से ज्यादा स्नातक बेरोजगार
कोरोना महामारी की मार से सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा तबका प्रभावित हुआ। पढ़े-लिखे ज्यादा लोग बेरोजगार हुए। मई से अगस्त के बीच अशिक्षित में बेरोजगारी दर 22.8 प्रतिशत रही तो स्नातकों में 25.8 प्रतिशत रही। वहीं मध्यम शिक्षितों में यह दर 12 से 17 फीसदी के बीच रही।
कैसे आयेंगी नई नौकरियां
कोरोना महामारी ने हमारी आदतों के साथ-साथ जीवन को पूर्णतया बदल डाला है। लगभग हर क्षेत्र में डिजिटलीकरण और ऑनलाइन
माध्यमों से कामकाज ने 2021 में नई नौकरियों की उम्मीद बढ़ाई है। लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। इसके लिए नए कौशल की जरूरत होगी।
मोबाइल एप से लेकर सोशल मीडिया तक सभी माध्यमों का उपयोग कंपनियां अपना काम चलाने के लिए कर रही हैं। इन डिजिटल माध्यमों की समझ नौकरी पाने की पहली शर्त बन रही है।
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किराना स्टोर से लेकर शिक्षा तक में डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढऩे से भी नई नौकरियों की संख्या बढ़ेगी। जिस तेजी से वर्क फ्रॉम होम और दूर जगह से काम पूरा करने की शैली को कंपनियों और कर्मचारियों ने अपनाया है उससे काम पाने के लिए शहर बदलने की जरूरत भर कम हो सकती है।
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