जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर दिल्ली में बीजेपी के संसदीय बोर्ड की बैठक में एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर जगदीप धनखड़ नाम का एलान किया था।
जबकि अब विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का एलान कर था। विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी चुना है। इसका एलान एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने हाल में किया था लेकिन मार्गरेट अल्वा की दावेदारी को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पेंच फंसा दिया है और कहा है कि वो उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावी प्रक्रिया से दूर रहेगी।
उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के वोट नहीं देने के फैसले से मार्गरेट अल्वा ‘निराश’ हैं। अब मार्गरेट अल्वा ने इस पूरे मामले पर अपनी राय दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना अच्छा दोस्त मानने वाली मार्गरेट अल्वा तृणमूल कांग्रेस के इस कदम पर हैरानी भी जाहिर कर रही हैं।भारत के उपराष्ट्रपति के लिए शनिवार को मतदान होगा।इतना ही नहीं उन्होंने खुलासा कि ममता ने उनका फोन तक नहीं उठाया है। इस वजह से वो काफी निराश है।
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में अल्वा ने सभी मामलों पर खुलकर अपनी राय रखी है और ममता के फैसले पर उन्होंने बेहद हैराती जताते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव विपक्षी दलों के लिए भी चुनौती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि अगर और ज्यादा पार्टियां साझा उम्मीदवार का समर्थन करतीं, तो यह ज्यादा संतुष्टि देने वाला होता।
लेकिन जो भी कारण हों, कुछ विपक्षी गुट में शामिल होने को लेकर संकोच कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ममता के अपना अच्छा दोस्त माना है और कहा कि वह यूथ कांग्रेस के दिनों से मेरी अच्छी दोस्त रही हैं।
मैंने उनके लिए लड़ा है, समर्थन किया है और हर जंग में उनके साथ रही हूं…। जब टीएमसी ने दूर रहने का फैसला किया, तो मैं हैरान और निराश थी। इस चुनाव में कोई व्हिप नहीं होता और यह एक गुप्त बैलेट होता है। अगर आप व्हिप जारी नहीं कर सकते, तो आप अपने सांसदों को वोट नहीं देने के लिए कैसे कह सकते हैं? यह एक नेगेटिव यह एक नेगेटिव व्हिप जारी करने वाला कदम लग रहा है।