न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की हालत बद से बदतर हो चुकी है। अब नौबत यहां तक आ चुकी की बीएसएनएल को अपनी सम्पतियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके लिए बीएसएनएल ने करीब 14 सम्पतियों को चिन्हित कर लिया है, जिसको बेचने के बाद 20,160 करोड़ रूपए की आय सम्बंधित जानकारी लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग को सौंपी है।
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सूत्र की माने तो कौशल विकास मंत्रालय को एक भूखंड की तलाश है और उसे दूरसंचार विभाग ने गाजियाबाद में स्थित बीएसएनसल के एक भूखंड की पेशकश की है। इस जमीन की अनुमानित कीमत 2,000 करोड़ रुपए है।
बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पी.के.पुरवार ने कहा, ‘‘कंपनी अपनी संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने की हर कोशिश कर रही है। कंपनी ने दीपम के जरिए 20 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लिए 14 संपत्तियों की पहचान की है।”
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साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये संपत्तियां मुंबई, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, गाजियाबाद और अन्य स्थानों पर हैं। हाल ही में बीएसएनएल ने वेंडरों का बकाया 1,700 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। इसके साथ ही कर्मचारियों को नवंबर माह का वेतन भी दे दिया गया था।
वित्त वर्ष 2017-18 में बीएसएनएल को 31,287 करोड़ का नुकसान हुआ था। कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले पांच सालों में 75 हजार रह जाएगी।
यह है लक्ष्य
पिछले 10 में से नौ साल घाटे में रही बीएसएनएल और एमटीएनएल अगले तीन वर्षों में 37,500 करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। सरकार ने कर्ज में डूबी कंपनियों का खर्च घटाने के लिए कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया था।
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सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के 92 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को चुना है। अक्तूबर में सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने के लिए 69,000 करोड़ रुपए के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी।
इन कंपनियों का इतना बकाया है पैसा
- स्टरलाइट टेक्नोलॉजी – 500 करोड़ रुपए
- तेजस नेटवर्क – 314 करोड़ रुपए
- एचएफसीएल – 219 करोड़ रुपए
- पैरामाउंट वायर्स एंड केबल्स – 168 करोड़ रुपए
- वीएलएल – 150 करोड़ रुपए