जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में उपचुनाव की मतगणना कराने के बाद वापस लौट रहे डिप्टी एसपी रत्नेश सिंह तोमर और विजय सिंह भदौरिया झांसी रोड के पास पहुंचे तो फुटपाथ पर ठंड से ठिठुरता हुआ भिखारी दिखा. भिखारी की मदद की गरज से दोनों अधिकारी गाड़ी रोककर उसके पास पहुंचे तो यह देखकर आवाक रह गए कि भिखारी तो उनके बैच का अधिकारी है.
एक न्यूज़ चैनल के मुताबिक़ ग्वालियर उपचुनाव की मतगणना के बाद वापस लौट रहे डिप्टी एसपी रत्नेश सिंह तोमर और विजय सिंह भदौरिया को बंधन वाटिका के पास फुटपाथ पर ठंड से ठिठुरता भिखारी दिखा. भिखारी की मदद की गरज से दोनों ने गाड़ी रोक दी. रत्नेश सिंह ने उसे अपने जूते दे दिए तो विजय सिंह ने अपनी जैकेट. भिखारी से पूछताछ की तो दोनों आवाक रह गए. क्योंकि वह तो उनके बैच का पुलिस अफसर था.
भिखारी की शक्ल में फुटपाथ पर मिला यह व्यक्ति मनीष मिश्रा था. इसने 1999 में पुलिस सब इंस्पेक्टर के रूप में नौकरी शुरू की थी. अचूक निशानेबाज़ मनीष कई थानों के प्रभारी रहे. अचानक उनकी मानसिक स्थिति खराब होने लगी तो परिवार ने किनारा कर लिया. न्यायिक विभाग में कार्यरत पत्नी ने तलाक ले लिया. 2005 में एक दिन मनीष थाने का काम निबटाकर उठे तो फिर घर नहीं लौटे. इधर-उधर भटकने लगे और फिर भीख मांगना शुरू कर दिया.
यह भी पढ़ें : भारत के जवाबी हमले में दहल गया पाकिस्तान, देखिये VIDEO
यह भी पढ़ें : सीजफायर का उल्लंघन : जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के आठ जवान ढेर, देखें VIDEO
यह भी पढ़ें : इस दीवाली एक दिया सैनिक के नाम
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : नमस्ते ट्रम्प
मनीष के पिता एसएसपी थे. भाई थानेदार हैं. बहन किसी दूतावास में अधिकारी हैं. दोनों डिप्टी एसपी ने मनीष का इलाज शुरू करा दिया है. उनके रहने की व्यवस्था एक स्वयंसेवी संस्था ने उठा ली है.