जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार को अल्टीमेटम दे चुके महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं।
मनसे प्रमुख के खिलाफ शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने छह अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अदालत ने राज ठाकरे के खिलाफ 2008 के एक मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
यह भी पढ़ें : इसलिए Navjot Singh Sidhu पर कार्रवाई कर सकती है कांग्रेस
यह भी पढ़ें : ओवैसी ने दी उद्धव सरकार को सलाह, कहा-राज ठाकरे को जेल में डाल दो
यह भी पढ़ें : इस देश में पूर्वानुमान से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा समुद्र का स्तर
कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को गैर-जमानती वारंट के तहत मनसे प्रमुख राज ठाकरे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
आदेश के इतने दिन बाद भी अब तक मुंबई पुलिस ने गिरफ्तारी को अंजाम नहीं दिया है।
मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
Despite the Court asking the Mumbai Police Commissioner to arrest & bring MNS chief Raj Thackeray before the court in the non-bailable warrant, the Mumbai Police has not executed the order yet. (2/2)
— ANI (@ANI) May 3, 2022
क्या था मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे के समर्थन में परली में मौजूद राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की बसों पर पत्थरबाजी की थी।
यह भी पढ़ें : 2030 तक भारत को जर्मनी देगा 10 अरब यूरो की मदद
यह भी पढ़ें : ईद-उल-फितर की देशभर में धूम, सबने कहा-ईद मुबारक
यह भी पढ़ें : जोधपुर में हिंसा, उपद्रवियों ने बीजेपी विधायक के आवास के बाहर खड़ी बाइक में लगाई आग
रेलवे में पर प्रांतीय युवाओं की भर्ती मामले पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे को साल 2008 में गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के विरोध में मनसे कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में कई जगहों पर विरोध किया था। अंबाजोगाई में एसटी बस को भी निशाना बनाया गया था।
इसी संबंध में मामला दर्ज होने के बाद अदालत द्वारा राज ठाकरे को अक्सर पेश होने के लिए कहा जाता था। हालांकि, राज ठाकरे किसी भी सुनवाई में शामिल नहीं हुए।
राज ठाकरे के जमानत के बावजूद लगातार तारीखों पर हाजिर नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया।