जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ जारी जंग में पिछले साल की तरह जीत हासिल करने का विश्वास व्यक्त करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टीम वर्क और ‘टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट’ के लक्ष्य को ध्यान में रख कर संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है।
सीएम योगी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि आरटीपीसीआर विधि से हर रोज एक लाख टेस्ट किये जाये। संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हुए कम से कम 30- 35 लोगों को ट्रेस करते हुए इनका शत-प्रतिशत कोविड टेस्ट किया जाए।
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जिन जिलाें में प्रतिदिन कोरोना के 100 या उससे अधिक केस मिल रहे हैं अथवा जहां कुल एक्टिव केसों की संख्या 500 से अधिक है, ऐसे जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया जाये।
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उन्होंने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में चिकित्साकर्मियों, आवश्यक औषधियों, मेडिकल उपकरणों तथा बैकअप सहित आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए।
यह सुनिश्चित किया जाए कि एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में वेन्टिलेटर्स तथा हाई फ्लो नेजल कैन्युला (एचएफएनसी) की उपलब्धता अवश्य रहे।वेन्टिलेटर्स एवं एचएफएनसी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए लगातार समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रबन्ध किए जाएं।
उन्होंने लेवल-2 तथा लेवल-3 के बेड की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए। लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी तथा प्रयागराज में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाकर कार्य करने के निर्देश देते हुये योगी ने कहा कि लखनऊ के एरा मेडिकल काॅलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल काॅलेज तथा इन्टीग्रल मेडिकल काॅलेज को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रत्येक कोविड हाॅस्पिटल में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए कम से कम 700 बेड की उपलब्धता अवश्य रहे। इसके लिए सभी जरूरी चिकित्सा संसाधनों की व्यवस्था की जाए।
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योगी ने कहा कि सभी जिलों में पीपीई किट, एन-95 मास्क, पल्स आक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, सेनिटाइजर, एन्टीजन किट सहित सभी आवश्यक सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, सिविल डिफेंस, एनसीसी तथा एनएसएस के सदस्यों की भी सेवाएं प्राप्त की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिये जरूरी स्वच्छता व सेनिटाइजेशन का कार्य मिशन मोड पर किया जाए। इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर को पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए।
निगरानी समितयाें की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इन्हें कोविड प्रबन्धन की विभिन्न गतिविधियों से जोड़ा जाए। सभी कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन तथा हवाई अड्डे पर कोरोना जांच का कार्य प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए।