न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते दिन बड़ा आतंकी हमला हो गया। इस हमले में 32 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। वहीं इस हमले में अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब्दुल्ला अब्दुल्ला बाल-बाल बच गए। पुलिस ने दो हमलावरों को मार गिराया है। इस्लामिक स्टेट ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
दरअसल अफगानिस्तान में शिया हाजरा नेता अब्दुल अली मजारी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें ज्यादातर शिया लोग शामिल थे। मजारी की इसी दिन तालिबान ने 1995 में हत्या कर दी थी। कार्यक्रम में अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत कई दिग्गज नेताओं शामिल थे। अफगानिस्तान में अब्दुल्ला अब्दुल्ला विपक्ष के नेता भी हैं।
बताया जा रहा है कि इस आतंकी हमले से ठीक पहले अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अन्य नेता वहां से चले गये थे। अगर ये थोड़ी देर ये सभी नेता वहां और रुकते, तो बंदूकधारियों के निशाने पर आ सकते थे।
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राष्ट्रपति अशरफ गनी ने नरसंहार की निंदा करते हुए इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ करार दिया है।समारोह में अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला समेत देश के कई शीर्ष नेता शामिल हुए। गृह मंत्रालय ने बाद में संवाददाता से इस बात की पुष्टि की कि ‘सभी उच्च पदस्थ अधिकारियों को मौके से सुरक्षित निकाल लिया गया।’
वहीं, अफगानिस्तान की राजधानी के बेहद कड़ी सुरक्षा वाले इलाके में हुए इस हमले ने वहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। वो भी तब जब बीते फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के मुताबिक 14 महीनों के अंदर विदेशी बलों की देश से वापसी होनी है।
इस मामले में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि इस आतंकी हमले में 32 लोगों की मौत हुई है, जबकि 81 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इन घायलों में एक पत्रकार और एक कैमरामैन भी शामिल हैं।
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