जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. भारत और चीन के सम्बन्धों में स्थाई सुधार आता नज़र नहीं आ रहा है. भारत के दबाव में पूर्वी लद्दाख में एलएसी से पीछे लौट जाने वाला चीन एक बार फिर भारतीय सीमा पर अपने जवानों को तेज़ी के साथ बढ़ाने में लगा है. चीन की इस हरकत का जवाब देने के लिए भारत ने भी चीन सीमा पर अपने 50 हज़ार सैनिकों की तैनाती कर दी है.
भारत के लिए चिंता की बात यह है कि एक तरफ चीन भारत के साथ दोस्ताना लहजे में बातचीत कर रहा है तो दूसरी तरफ एलएसी पर लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाता जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में पूर्वी लद्दाख के आसपास चीन के 50 हज़ार से ज्यादा सैनिक तैनात हो चुके हैं. चीन की यह हरकत साफ़ करती है कि चीन किसी भी सूरत में सीमा विवाद सुलझाने को तैयार नहीं है. चीन की तैयारी के मद्देनज़र भारत ने भी चीन का सामना करने के लिए लद्दाख में अपनी ताकत को बढ़ा दिया है. सेना ने तय किया है कि लड़ाकू विमान राफेल के अलावा मिग-29 को भी सीमा पर तैयार रहने को कहा जायेगा. भारतीय वायुसेना ने वहां अपने तरीके से काम शुरू भी कर दिया है.
सेना ने सीमा पर अपनी नौ तोपें तैनात की हैं. पिनाका राकेट, अपाचे और चिनकू भी सीमा पर तैनात हो चुके हैं.इस बार सीमा पर भारत ने अपनी हवाई सुरक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है.
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आश्चर्यजनक बात यह है कि दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य बातचीत के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को पूरी तरह से हटा लिया गया था. दोनों पक्ष विवादित स्थलों पर बातचीत कर रहे थे. भारत लगातार यह जोर दे रहा था कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थितियां बहाल कर दी जाएं.