स्पेशल डेस्क।
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के निवाड़ी ज़िले में स्थित ओरछा की ऐतिहासिक धरोहर ‘रामराजा मंदिर’ को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रस्ताव पर यूनेस्को ने विश्व धरोहरों की अस्थायी सूची में शामिल कर लिया है।
बुंदेला राजवंश ने बनवाया था मंदिर
16 वीं सदी में इस मंदिर का निर्माण बुंदेला राजवंश ने कराया था इस स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने को देखने के लिये देश-विदेश से पर्यटक खींचे चले आते है, अब यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल होने के बाद सभी आवश्यक प्रक्रिया करने के बाद यूनेस्को के पास भेजा जायेगा।
क्या है मंदिर में ख़ास
ओरछा स्थित रामराजा मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है,जहाँ भगवान राम को भगवान के रूप में पूजने के बाद राजा के रूप में भी पूजा जाता है,भगवान राम को दिन के पाँचो पहर में गार्डो द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
एक बार स्थापना के बाद मूर्ति को हिला नहीं सका कोई
मंदिर बनने के पहले यहाँ मूर्ति मधुकर शाह के राज्यकाल के दौरान अयोध्या से लाई गई थी,इसी दौरान मूर्ति को महल में स्थापित कर दिया गया था लेकिन मंदिर बनने के बाद जब मूर्ति को मंदिर में ले जाने की कोशिश की गई तो मूर्ति अपनी जगह से नहीं हिली,उसके बाद महल को मंदिर का रूप दे दिया गया है,लोंगो का ऐसा मानना है कि भगवान राम अदृश्य रूप में यहाँ प्रतिदिन आते है।