न्यूज डेस्क
शीला दीक्षित के निधन के बाद अब कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का हैदरबाद में निधन हो गया। तेलुगु राजनीति के दिग्गज नेता माने जाते थे। वो हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां शनिवार को उनकी हालत कुछ जायदा बिगड़ गयी इसके बाद उन्हें एआईजी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। जहां उनका देर रात करीब दो बजे निधन हो गया।
कांग्रेस पार्टी व कार्यकर्ताओं में उनके निधन पर शोक की लहर है। कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। वहीं, उनके निधन पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर शोक जताया है। उन्होंने लिखा है तेलंगाना ने अपना बेटा खो दिया जो हमेशा जनता की सेवा के लिए तत्पर रहा। इसके अलावा कई पार्टी नेताओं का कहना है कि तेलुगु नेता के रूप में जयपाल रेड्डी का निधन एक बहुत बड़ा नुकसान है।
इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर गहरा दुख जताया है-
Deeply saddened by the passing away of veteran Congress leader Shri Jaipal Reddy garu.
Behind every word that he spoke or wrote, there was deep scholarship and a passion that was remarkable.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 28, 2019
जैपाल रेड्डी का जन्म 16 जनवरी 1942 को हैदराबाद के मदगुल में हुआ था। वो साल 1969 से साल 1984 के बीच चार बार विधानसभा के लिए चुने गये। साथ ही पांच बार वो सांसद चुने गये मौजूदा समय में रेड्डी कलवकुर्ती से विधायक थे। उनके परिवार में एक बेटी और 2 बेटे हैं। इमरजेंसी के दौरान उन्होंने कांग्रेस का दमन छोड़कर जनता पार्टी का रुख कर लिया था। इसके बाद वो 1985 से 1988 तक जनता पार्टी के महासचिव रहे। साल 1984 में महबूबनगर सांसद के रूप में जीत दर्ज की।
चुने गये दो बार राज्यसभा सदस्य
इसके अलावा वो दो बार राज्यसभा सदस्य के लिए भी चुने गये। जयपाल रेड्डी साल 1990 और साल 1996 में दो बार राज्यसभा सदस्य थे। साथ ही साल 1991-1992 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया। साल 1998 में जयपाल रेड्डी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री आइके गुजराल के मंत्रिमंडल में सूचना और संचार मंत्री के रूप में काम किया।
मिले कई अहम मंत्रालय
साल 1999 में उन्होंने करीब 21 साल बाद फिर से कांग्रेस में वापसी की। इसके बाद साल 1999 और साल 2004 में उन्होंने मिर्यालगुडा लोकसभा सीट भी जीती और उन्होंने यूपीए-1 में वह शहरी विकास मंत्रालय के साथ ही यूपीए-2 में शहरी विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव
जयपाल रेड्डी ने 1980 में इसी संसदीय क्षेत्र से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी। 1980 के आम चुनावों में यहां से इंदिरा गांधी सांसद रह चुकी हैं। जब 1984 में उनकी हत्या हुई तो वह यहीं से सांसद थीं।