जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार की राजनीति जातीय समीकरण पर टिकी हुई है इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता। विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले इशारों-इशारों में जातिवाद का कार्ड उछाला जाने लगा है। अभी तक चुनावी रैलियों में रोजगार और विकास की बात करने वाले तेजस्वी यादव ने लालू राज की याद दिलाई है।
महागठबंधन की ओर से सीएम उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के रोहतास में एक चुनाव सभा के दौरान उन्होंने कहा कि जब लालू यादव का राज था तो गरीब सीना तान के राजपूतों के सामने चलते थे।
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तेजस्वी यादव की टिप्पणी ने डिहरी विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में सियासी भूचाल ला दिया है। तेजस्वी के भाषण में सवर्णों का विरोध साफ दिखाई पड़ता है। ऐसे में देखना होगा कि तेजस्वी यादव के राजपूत विरोधी भाषण उन्हें और उनके डिहरी प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं?
हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम सब लोगों को साथ लेकर चलेंगे। जो अपराध करेगा उसे सजा मिलेगी, जो कर्मचारी काम करेंगे उन्हें सम्मान मिलेगा।
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आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी एक जमाने में कहा था कि ‘भूरा बाल’ साफ करो, यानि भूमिहार, राजपूत ,ब्राह्मण, लाला को खत्म करो। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी कुछ इसी अंदाज में रोहतास की इस चुनावी सभा के दौरान अगड़ी जाति के बारे में टिप्पणी की है। हालांकि, उन्हें शायद इस बात का अहसास हो गया यही वजह है कि जल्दी ही उन्होंने बात को संभालते हुए कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम सबको साथ लेकर चलेंगे।