जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में इस वक्त सियासी घमासान मचा हुआ है। जहां एक ओर नीतीश कुमार की पार्टी में उठापटनक है तो दूसरी ओर लालू कुनबे में लगातार हलचल देखने को मिल रही है।
नीतीश कुमार जब से बीजेपी से किनारा कर दोबारा लालू यादव के साथ आये तब से बिहार की सियासत में लगातार कयासों का दौर जारी है।
तेजस्वी यादव के समर्थक उनको सीएम देखना चाहते हैं जबकि नीतीश कुमार के चाहने वाले पीएम के तौर उनको देखना चाहते हैं लेकिन अब बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ‘‘न तो नीतीश पीएम बनना चाहते हैं, न मैं सीएम बनना चाहता हूं’’।
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पथ निर्माण विभाग के बजट पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में तेजस्वी ने ये बातें कहीं।
तेजस्वी यादव का ये बयान इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि कुछ दिनों से ये अटकले लगायी जा रही है कि सीएम पद को लेकर जेडीयू चीफ के साथ तकरार की बात को हवां दिया जा रहा था।
हालांकि बिहार की राजनीति इस बात चर्चा चल रही है कि सत्ता के लिए महागठबंधन में शामिल होने के समय जेडीयू और आरजेडी के बीच एक ‘‘डील’’ हुआ था।
इस डील की माने तो तेजस्वी यादव को सीएम की ताजपोशी कराकर नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में कदम रखेंगे लेकिन अब तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि ‘ना इनको प्रधानमंत्री बनना है ना हमको सीएम बनना है। हम जहां हैं खुश हैं।’बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में है लेकिन उससे पहले 2024 में लोकसभा का चुनाव है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के हवाले से खबर है कि तेजस्वी ने करीब 30 मिनट के अपने भावपूर्ण भाषण की शुरुआत में कहा, ‘‘मैं यहां उनके सभी आरोपों का जवाब देने के लिए हूं। लेकिन उन्होंने भागना चुना। शायद विपक्ष के नेता को पता था कि मैं उन्हें याद दिलाऊंगा कि उन्हें इस सदन के पटल पर तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमलों की फर्जी खबरें उठाने के लिए माफी मांगने की जरूरत है’’।
तेजस्वी ने कहा, ‘‘ये दौर अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर से भी बहुत अलग है, जिनके साथ हमारे वैचारिक मतभेद थे। अब हम एक बदले की भावना देखते हैं जो राजनीति से परे दिखती है और अक्सर व्यक्तिगत हो जाती है।’’