रेश्मा खान
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप नें अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। सोमवार को उन्होने सारण सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर सुगबुगाहट पैदा कर दी है।
उन्होने पार्टी के समानांतर लालू-राबड़ी के नाम से मोर्चे का गठन भी कर दिया, जिसके बाद से ही राजद में दरार की खबरों को लेकर अटकले तेज हो गई हैं। सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होने साफ कर दिया की वो चाहते हैं उनकी मां राबड़ी देवी सारण से लोकसभा चुनाव लड़ें और अगर ऐसा नहीं होता है तो वो खुद अपनी ही पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
दरअसल तेजस्वी यादव ने उनके ससुर चंद्रिका राय को बिना उनसे पूछे ही टिकट दे दिया था जिससे वो काफी खफा हैं। चंद्रिका राय जो खुद एक बड़े राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं उन्होने अपनी पुत्री ऐश्वर्या राय की शादी तेज प्रताप के साथ की थी मगर कुछ ही महिनों में उनके बीच रिश्ते बिगड़ गए थे।
इसके अलावा वो जहानाबाद और शिवहर सीट से भी अपने करीबियों को लड़ाना चाह रहे थे मगर तेजस्वी ने उनके उस निवेदन को भी ठुकरा दिया था। अभी हाल ही में उन्होने पार्टी के छात्र संघ के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद से राजद में दरार की ख़बरें लगातार आ रही थी।
सोमवार की शाम लालू-राबड़ी मोर्चा के बैनर तले बेतिया, शिवहर, जहानाबाद और हाजीपुर सीट से भी उम्मीदवार उतारने की घोषणा करके सबको चौंका दिया है। सीट बंटवारे के समझौते के तहत आरजेडी पहले ही जहानाबाद और हाजीपुर सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। बेतिया सीट भी आरएलएसपी को दी गई है।
सूत्र ये बताते हैं कि तेज प्रताप अपने ही परिवार से तबसे खफा चल रहे हैं जबसे उनके पिता लालू यादव ने तेजस्वी यादव के हाथ में पार्टी का कमान सौंपा हैं। लालू यादव फिलहाल चारा घोटाले के मामले में जेल में हैं। पार्टी के नेताओं के अनुसार दोनों भाइयों के बीच दरार की खबरों से कार्यकर्ता उलझन में हैं।
तेज प्रताप के लगातार पार्टी विरोधी बयान ने एनडीए के नेताओं को भी बैठे बिठाए चुनाव से पहले एक मुद्दा दे दिया है। जद-यू और बिजेपी के नेताओं का मानना है कि लालू परिवार के भीतर दरार राजद के साथ-साथ महागठबंधन में भी टकराव पैदा करेगी।