न्यूज डेस्क
पाकिस्तान किसी न किसी वजह से चर्चा में बना ही रहता है। इन दिनों वह खाद्य सामग्री और महंगाई के संकट से गुजर रहा है। यह संकट इतना गहरा गया है कि इमरान सरकार को इसे नियंत्रित करने में छींके आ रही हैं।
हाल ही में पाकिस्तान में आटे के संकट था। पाकिस्तान सरकार के मुताबिक आटा खत्म हो चुका है और अब चीनी महंगी होने का मामला सामने आ रहा है।
इस मसले पर काबू पाने के लिए सरकार ने राशन की दुकानों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी जमाखोरों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरु करने का ऐलान पंजाब सरकार कर चुकी है।
लाहौर के जिला प्रशासन ने बीते तीन दिनों में लाहौर के विभिन्न इलाकों से आठ हजार से अधिक चीनी के थैले कब्जे में लिए हैं जिनका वजन तकरीबन चार लाख किलो से अधिक था।
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डिप्टी कमिश्नर लाहौर दानिश अफजल के मुताबिक ये चीनी गैर-कानूनी तौर पर जमा की गई थी और इसमें शामिल रहे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अफजल के कहा कि इस कार्रवाई में चार ऐसे व्यापारी भी शामिल हैं जिन्हें 3 एमपीओ कानून के तहत पहले ही नजरबंद किया गया है।
एमपीओ यानी पब्लिक ऑर्डर बरकरार रखने के कानून का इस्तेमाल अमूमन उन लोगों के खिलाफ किया जाता है जिन पर शांति भंग करने का शक होता है।
गौरतलब है कि सात फरवरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीनी निर्यात पर रोक लगाने की भी मंजूरी दिए थे। पाकिस्तान के डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 141,447 मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किए जाने के बाद महीनों के बाद इमरान खान ने रोक लगाने की इजाजत दी।
पाकिस्तान में प्रति किलोग्राम चीनी का औसत खुदरा मूल्य 2017-18 में 53.75 पाकिस्तानी रुपये, 2016-17 में 61.43 रुपये, 2015-16 में 64.03 रुपये और 2014-15 में 58.91 रुपये रहा। वर्तमान में पाक में चीनी का दाम 75 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है।
पाक करेगा तीन लाख टन गेहूं का आयात
पाकिस्तान में चीनी का यह संकट ऐसे समय में उत्पन्न हुआ है जब वह आटे के गंभीर संकट से जूझ रहा है। पाक के कई बड़े शहरों जैसे कराची, हैदराबाद और लाहौर में आटे की कीमतें 70 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। वहीं आटे और चीनी की बढ़ती कीमतों के बीच अब वहरं गैस की कीमतों में भी 5 प्रतिशत की वृद्धि होने जा रही है। आटे के संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार तीन लाख टन गेहूं का आयात करने जा रही है।
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मालूम हो पाकिस्तान में आटे के संकट की शुरुआत पिछले महीने खैबर पख्तुनख्वा प्रांत और सिंध से उस समय हुई जब ट्रांसपोर्टर पेट्रोल की कीमतें बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए हड़ताल पर चले गए। इससे सिंध में आटे की सप्लाई रुक गई। इसके अलावा कराची तथा पंजाब के बीच आटे को ले जाने पर रोक लगा दिया गया जिससे आटे के दाम बढ़ गए।
इस बीच खाद्य पदार्थों की कीमतों को बढऩे से रोकने में अक्षम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ ने आरोप लगाया है कि विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी जानबूझकर सिंध प्रांत में आटे का संकट पैदा कर रही है ताकि इमरान सरकार को बदनाम किया जा सके।
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