नई दिल्ली। सरकार डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य से चूक सकती है। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2018- 19 के लिए सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन लक्ष्य रखा है, जिसमें करीब 50,000 करोड़ की कमी आ सकती है।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में होने वाली कमी और जीएसटी संग्रह में आई गिरावट की वजह से सरकार को वित्तीय मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। टैक्स रेवेन्यू में आई गिरावट की वजह से सरकार को राजकोषीय घाटा कम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, जिसे जीडीपी के मुकाबले बढ़ाकर 3.4 फीसद किया जा चुका है।
सरकार ने इससे पहले जीडीपी के मुकाबले 3.3 फीसद घाटे का लक्ष्य रखा था। अधिकारी ने कहा, ‘2018-19 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.5 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।’
गौरतलब है कि सरकार ने अधिक कॉरपोरेट टैक्स की उम्मीद में अंतरिम बजट के दौरान वित्त वर्ष 2018-19 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के टारगेट को 11.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। वहीं, जीएसटी कलेक्शन का टारगेट पूर्व के 7.44 लाख करोड़ रुपये से कम कर 6.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।