जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. टाटा ग्रुप ने बृहस्पतिवार को एयर इंडिया पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया. एयर इंडिया अब सरकारी नहीं टाटा ग्रुप की सम्पत्ति बन गई है. एयर इंडिया वास्तव में 69 साल पहले टाटा ग्रुप की ही कम्पनी थी. भारत सरकार ने इसे टाटा ग्रुप से ही लिया था और अब इसे टाटा को ही वापस लौटा दिया है.
एयर इंडिया का प्रबंधन पूरी तरह से संभालने से पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चन्द्रशेखरन ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से मुलाक़ात की. एन. चन्द्रशेखरन ने कहा कि एयर इंडिया को वापस पाकर हम बहुत खुश हैं और अब इस एयरलाइन्स को विश्वस्तरीय बनाएंगे. एयर इंडिया पिछले कुछ सालों से घाटे में चल रही थी. टाटा ग्रुप ने 18 हज़ार करोड़ रुपये की बोली लगाकर इसे खरीदा है.
टाटा ने एयर इंडिया को 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के नाम से शुरू किया था. आगे चलकर इसका नाम टाटा एयरलाइन्स रख दिया गया. दरअसल जेआरडी टाटा खुद एक पायलट थे और उन्होंने अपनी एयरलाईन का सपना देखा था. भारत की आज़ादी के बाद जब देश को राष्ट्रीय एयरलाइन्स की ज़रूरत महसूस हुई तो सरकार ने टाटा ग्रुप से उनकी एयरलाइन्स की 49 फीसदी का अधिग्रहण कर इसका नाम एयर इंडिया कर दिया. 1953 में सरकार ने एयर कारपोरेशन एक्ट पास किया और टाटा ग्रुप से एयर इंडिया के अधिकाँश शेयर खरीदकर इसे सरकारी कंपनी बना दिया.
एयर इंडिया पर पूरे अधिकार हासिल करने के बाद टाटा ग्रुप ने अपनी कई योजनायें तैयार कर ली हैं. विमानों को समय से उड़ाने और यात्रियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं देने पर फिलहाल कंपनी का ध्यान केन्द्रित है. एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिए ज़रूरी धन की कमी को स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया टाटा ग्रुप को लोन मुहैया कराएंगे.
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