प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. अयोध्या में बनाये जा रहे भगवान श्रीराम के मन्दिर को और भव्य बनाने के साथ ही इसकी उम्र एक हज़ार साल करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं. ट्रस्ट ने इस काम के लिए टाटा कंस्ट्रक्शन के इंजीनियरों की सेवायें लेने का फैसला किया है.
ट्रस्ट ने इस सम्बन्ध में आज फैजाबाद के सर्किट हाउस में टाटा के इंजीनियरों के साथ बैठक की. राम मन्दिर के लिए बनाई गई समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र भी इस बैठक में शामिल हुए. उन्होंने ट्रस्ट से अब तक की कार्रवाई की विस्तार से जानकारी ली.
टाटा कंस्ट्रक्शन को राम मंदिर के साथ जोड़ने का मकसद सिर्फ इतना सा है कि मन्दिर भव्य हो. मज़बूत हो. ट्रस्ट ने राम मन्दिर की नींव में डाले गए तीनों प्लर्स की मजबूती के बारे में आईआईटी चेन्नई की राय माँगी गई. रिपोर्ट आने के बाद ट्रस्ट आगे फैसला करेगा.
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राम मन्दिर निर्माण के मामले में ट्रस्ट किसी भी किस्म की चूक नहीं करना चाहता है. यही वजह है कि एलएंडटी के इंजीनियरों के साथ ही ट्रस्ट ने टाटा कंस्ट्रक्शन को भी अपने साथ जोड़ लिया.