जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना की दूसरी रफ्तार थमती नजर आ रही है। हर दिन आने वालों नए मामलों में कमी दिखने लगी है लेकिन मरने वालों का आंकड़ा अभी भी चिंता बढ़ाने वाला है।
जानकारों का कहना है कि भारत जितनी तेजी से टीकाकरण करेगा वह उतना जल्दी कोरोना पर नियंत्रण पा लेगा। फिलहाल भारत में अभी कोरोना टीका की किल्लत बनी हुई है।
लेकिन केंद्र सरकार ने उम्मीद जतायी है कि जुलाई के मध्य या अगस्त तक देश में वैक्सीन की सप्लाई बढ़ेगी जिसके बाद हर दिन एक करोड़ लोगों का टीकाकरण हो सकेगा।
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कोविड-19 वैक्सीनेशन पर बनी टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कहा है कि अगस्त तक ‘मेड इन इंडिया’ यानी देश में बनी लगभग 25 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि, “सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एक पत्र में बताया है कि वो जून के अंत तक 10-12 करोड़ वैक्सीन बना लेंगे, जो कि उनकी क्षमता से 50 फीसदी अधिक होगा।”
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि वैसे ही कोवैक्सीन के उत्पादन की भी क्षमता बढ़ेगी और जुलाई के अंत तक वो प्रतिमाह 10-12 करोड़ टीके तैयार कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा दूसरे टीका निर्माताओं या विदेशों से स्पुतनिक वी, फाइजर और मॉडर्ना के टीके भी उपलब्ध हो सकते हैं।
डॉक्टर अरोड़ा ने कहा, “अगस्त तक हमारे पास हर महीने 20-25 करोड़ डोज होगी। हमारा लक्ष्य होगा कि हर दिन एक करोड़ लोगों को टीके लगाए जा सकें।”
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उन्होंने ये भी बताया कि अगले कुछ सप्ताह मेेंं इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या लोगों को अलग-अलग टीकों की ख़ुराक दी जा सकती है।
इसमें ये पता लगा जाएगा कि अगर लोगों को टीके की दूसरी ख़ुराक में किसी और कंपनी का टीका लगाया जाता है तो इसका वायरस से लडऩे की क्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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देश में 16 जनवरी को टीकाकरण का अभियान शुरू हुआ था। अभियान शुरु हुए पांच महीने पूरे होने वाले हैं मगर देश में लगातार टीके की कमी की शिकायत आ रही है।
अभी भारत में हर महीने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मिलाकर सात से साढ़े सात करोड़ (7-7.5) वैक्सीन उपलब्ध है।
इस बीच भारत में कोरोना की दूसरी लहर में नए मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है।
सोमवार को पिछले 24 घंटे के भीतर लगभग डेढ़ लाख (1,52,734) नए मामले दर्ज किए गए जो पिछले लगभग 50 दिनों में सबसे कम आंकड़ा था। वहीं इस दौरान 3,128 लोगों की मौत हुई।