जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर सरकार और किसान संगठनों में गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे तो दूसरी तरफ हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्टर।
टिकैत ने कहा, ’26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में एक तरफ टैंक चलेंगे और दूसरी तरफ कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर हमारे तिरंगा लगे हुए ट्रैक्टर। वो हम पर लाठी चलाएंगे और हम राष्ट्रगान गाएंगे।’
बागपत के बड़ौत में किसानों के धरने में पहुंचे राकेश टिकैत ने दावा किया कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होती तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी।
नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर बड़ौत में 23 दिनों से किसान धरना दे रहे हैं। किसानों के बीच पहुंचे राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कहा कि दिल्ली में अब आर-पार की लड़ाई के लिए किसान तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘किसान राजपथ पर धूमधाम से गणतंत्र दिवस मनाएंगे। देश किसानों का है, किसान सबसे बड़े राष्ट्रभक्त होते हैं। किसान के उगाए अनाज से ही देश का पेट भरता है। देश की सुरक्षा करने वाले जवान भी किसानों के बेटे हैं।’
उन्होंने कहा, ’26 जनवरी को यदि सरकार किसानों पर लाठियां, वाटर कैनन का प्रयोग करेगी तो किसान राष्ट्रगान गाएंगे। फिर देखेंगे कि पुलिस राष्ट्रगान गाने वालों पर कैसे हाथ उठाती है। ‘
किसानों से एकजुटता का आह्वान करते हुए टिकैत ने कहा, ‘किसानों को इस क्रांति में पूरी ताकत झोंकनी होगी। सरकार के इशारे पर प्रशासन के लोग धरने में शामिल किसानों पर दबाव बनाने के लिए मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि किसान लठ लेकर तैयार हो जाएं।’
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करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर उन्होंने कहा कि अभी किसानों ने सरकार से गद्दी छोडऩे के लिए नहीं कहा है। अगर वह अपनी इस जिद पर अड़ गए तो सरकार से गद्दी भी छुड़वा देंगे। इसलिए सरकार किसानों की परीक्षा लेना बंद कर दें।
टिकैत ने कहा कि राजनीति और चुनाव से नहीं बल्कि किसानों के आंदोलन से सब कुछ ठीक होगा।
बीते तीन जनवरी को किसान संगठनों ने चेतावनी दी थी अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तो वे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
सरकार के साथ आठवीं दौर के बातचीत से एक दिन पहले सात जनवरी को हजारों किसानों ने दिल्ली और हरियाणा में ट्रैक्टर रैली निकाली थी।
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प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा था कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक रिहर्सल है।