गज़नी प्रांत में अमेरिकी वायुसेना के विमान को मार गिराने का तालिबान का दावा
राजीव ओझा
सुबह सुबह खबर आई कि अफगानिस्तान के गज़नी प्रान्त में अमेरिकी एयरफोर्स का एक विमान क्रैश हो गया। बताया जाता है कि इसमें सवार करीब आधा दर्जन लोग मारे गए। यह तकनीकी खराबी के कारण सामान्य विमान दुर्घटना होती तो कोई बात नहीं थी लेकिन बताया जा रहा है कि इस विमान को तालिबानी लड़कों ने राकेट से मार गिराया है।
विमान ई-11 ए अमेरिकी वायुसेना का बताया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और मामले जांच की जा रही है। दूसरी तरफ तालिबान प्रवक्ता ने दावा किया है कि तालिबान लड़कों ने ही इस विमान को गिराया है और इसमें कई विदेशी मारे गए हैं। मरने वालों में सीआईए का एक बड़ा अधिकारी शामिल है।
कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका का जो प्लेन गिराया गया है उसमें सीआईए का जो अधिकारी मारा गया है, वह कुछ दिन पहले इराक में मारे गए ईरान के जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए जिम्मेदार प्रमुख लोगों में से एक था। खबर है कि रूसी खुफिया सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है कि इराक, ईरान और अफगानिस्तान के खिलाफ अमेरिकी खुफिया विभाग के प्रमुख माइकल डी एंड्रिया इस विमान में सवार थे और विमान को तालिबानों ने राकेट से उड़ा दिया है। गज़नी प्रान्त के जिस क्षेत्र में विमान गिरा वह तालिबान नियंत्रित बताया जा रहा है और अभी तक नाटो का कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा है।
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अगर ऐसा है तो यह दक्षिण और पश्चिम एशिया के लिए अच्छी खबर नही है। मंगलवार सुबह से ही यह खबर ट्विटर और मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। भारत में लोग शाहीनबाग़ को लेकर सियासत कर रहे हैं लेकिन अगर पश्चिम एशिया में तनाव और बढा तो इसका बुरा प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा। आपको याद होगा कि जब से अमेरिकी ड्रोन के हमले में ईरान के जनरल सुलेमानी मारे गए है तभी से क्षेत्र में युद्ध का गंभीर संकट मंडरा रहा है।
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इरान लगातार ईराक में अमेरिकी सैनिक ठिकानों पर हमला कर रहा है। हालांकि अमरीकी प्रेसिडेंट ट्रम्प दवा कर रहे हैं की इरान के मिसाइल हमले में अमेरिका का कोई सैनिक घायल नहीं हुआ है लेकिन ताजा रिपोर्टों के अनुसार इन हमलों में कम से कम अमेरिका के तीन दर्जन सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। साथ ही ईराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों में मौजूद फौजियों पर बुरा मनोवैज्ञानिक असर पड़ा है।
UPDATE
Footage appears to show wreckage of crashed USAF plane ‘carrying high-ranking U.S. military officials’ in #Afghanistan‘s eastern Ghazni province. #Taliban claimed responsibility for shooting down the aircraft. pic.twitter.com/xKRaNpPBUO— Press TV (@PressTV) January 27, 2020
इसके चलते खाड़ी के देशों में युद्ध की स्थिति बनी हुई है। ईरान (और अमेरिका के बीच तनाव कम नहीं हो रहा। हाल ही में ईरान ने रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के मुखिया जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेते हुए इराक स्थित दो अमेरिकी बेस पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर चुका है। ईरान ने बीते रविवार एक बार फिर अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर रॉकेट दागे थे।
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गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को चेतावनी दे चुके हैं कि वह युद्ध के पक्ष में नहीं हैं लेकिन अगर ईरान ने किसी भी अमेरिकी नागरिक या उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आपको याद होगा कि हाल ही में ईरान ने मिसाइल अटैक में यूक्रेन के एक यात्री प्लेन को मार गिराया था। इसमें 176 लोगों की मौत हो गई थी। ईरान ने अपनी गलती स्वीकारते हुए इसे मानवीय चूक बताया था। अब गजनी क्षेत्र में हुए विमान गिराने के दावे में अगर सत्यता है तो इसके बाद तनाव और बढ़ने की आशंका है।