जुबिली न्यूज़ डेस्क
उरई। माधौगढ़ तहसील के कुंवरपुरा गांव के पास स्थित परमार्थपुरम में टैलेंट डेवलपमेंट सेंटर चल रहा है जो बीहड़ क्षेत्र के वन कुसुमों की खुशबू से सारे समाज को महकाने के मिशन को बहुत कामयाबी के साथ अंजाम दे रहा है। छिटके हुए जिन गांवों के बच्चे अच्छी पढ़ाई और अभिभावकों की जागरूकता के अभाव में छोटी-मोटी नौकरी का भी सपना नहीं देख पाते थे उनकी हसरतों का आसमान इस केन्द्र ने बुलंद कर दिया है और अब उनकी महत्वाकांक्षा के पंख आईएएस, आईपीएस बनने से लेकर डाक्टर और इंजीनियर बनने के सपनों के क्षितिज तक उड़ान भरने लगे हैं।
इस टैलेंट सेंटर में आसपास के स्कूलों और इंटर कालेजों में पढ़ने वाले पांचवी कक्षा से इटर तक के विद्यार्थियों को अतिरिक्त कोचिंग दी जा रही है ताकि वे पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक संवेदना, पर्यावरण सुरक्षा आदि मुद्दों से भी जुड़ सकें। गणित और विज्ञान के कुंजी सिद्धांत को समझ सकें।
बच्चों की अंतर्निहित रचनात्मक क्षमताओं को उभारने का भी इंतजाम इस सेंटर में है। इसके लिए विशेषज्ञ शिक्षकों से लेकर पढ़ाई के हाईटेक साधनों का इंतजाम परमार्थ ने अपने स्तर से किया है जबकि यहां आने वाले विद्यार्थियों से संस्था कोई प्रतिदान भी नहीं लेती है। लगभग दो वर्ष से संचालित हो रहे इस सेंटर में 60 विद्यार्थी हैं। समय-समय पर उनके बीच सामान्य ज्ञान, माडल बनाने, कबड्डी आदि खेलों, भाषण और निबंध लेखन की प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं। अभिभावक इस सेंटर को वरदान मान रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस सेंटर की लौ से उनके बच्चों का भविष्य भी शहर के अच्छे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तरह रोशन हो सकेगा।
परमार्थ के निदेशक अनिल सिंह ने बताया कि उनके सेंटर के उद्देश्य स्पष्ट हैं। यह सेंटर बहुउद्देशीय योजना के तहत काम कर रहा है जिसमें प्राइमरी से लेकर मिडिल तक के स्कूलों के शिक्षकों को नालेज से पढ़ाने के मेथड तक अपग्रेड करना, कार्यक्षेत्र के स्कूलों में संसाधनों के गैप की पूर्ति करना, उनमें क्वालिटी एजुकेशन के सारे मानक पूरे कराना और इसके साथ-साथ इनके विद्यार्थियों को अतिरिक्त कोचिंग प्रदान करना है।