Sunday - 27 October 2024 - 10:32 PM

इस दिवाली पर गिफ्ट लेना और देना कही पड़ न जाए भारी!

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। दिवाली के त्योहार में गिफ्ट का लेन देन आम बात है। दिवाली नजदीक है और गिफ्ट लेने और देने का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में आपको गिफ्ट टैक्स के बारे में बेसिक जानकारी होना जरुरी है। ऐसा नहीं होने की परिस्थिति में आपकी टैक्स देनदारी अधिक हो सकती है या आप पर टैक्स चोरी का आरोप लग सकता है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 1958 में गिफ्ट टैक्स एक्ट बनाया था, जिसमें कुछ खास परिस्थितियों में उपहारों पर टैक्स लेने का चलन शुरू किया गया था। हालांकि इसे अक्टूबर 1998 में खत्म कर दिया गया, लेकिन इसे एक बार फिर से केंद्र सरकार ने 2004 में इनकम टैक्स प्रॉविजंस में शामिल कर दिया।

ये भी पढ़े: यूएई ने लिव इन सहित इन नियमों में किये बदलाव

ये भी पढ़े: चुनाव नतीजे आने के बाद ट्रंप की पार्टी में मतभेद

ये भी पढ़े: Corona Update : 24 घंटे में सामने आये 45 हजार 903 नए मामले

ये भी पढ़े: बिहार में गहराया बिजली संकट, टूटा एनटीपीसी का डैम

वहीं 2017-18 में जारी आईटीआर नोटिफिकेशन में टैक्सपेयर्स को मिले उपहारों का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया गया था। तो इसलिए अगर आपको किसी दोस्त या अनजान व्यक्ति की ओर से एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये की नगदी गिफ्ट के तौर पर मिलती है तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता।

अगर उपहार में दी गई नगदी 50 हजार की लिमिट क्रॉस करती है तो आपको पूरी राशि पर अन्य स्रोत से हुई आय के रूप में टैक्स चुकाना पड़ेगा। वहीं परिवार के सदस्य और किसी रिश्तेदार की ओर से मिलने वाले गिफ्ट में 50 हजार रुपये की सीमा लागू नहीं होती है साथ ही विवाह समारोह और वसीयत के तौर पर मिलने वाले गिफ्ट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता।

यदि आपको किसी की ओर से गिफ्ट के तौर पर प्रॉपर्टी मिलती है तो उस पर टैक्स की गणना सर्किल रेट (यानी की स्टांप ड्यूटी) के आधार पर की जाती है। लेकिन इसमें भी रिश्तेदारी या परिवार की ओर से मिलने वाली प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

ये भी पढ़े: चिराग की हालत देख मांझी क्यों हुए इतना परेशान

ये भी पढ़े: यूपी के आंगनबाड़ी केन्द्रों को योगी सरकार का दीवाली गिफ्ट

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com