जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार तहव्वुर राणा को फांसी देने के फैसले को राजनीतिक फायदे के लिए बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रही है।
राउत ने कहा, “तहव्वुर राणा को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाएगा। सरकार उसे बिहार चुनाव के दौरान फांसी पर लटकाएगी ताकि इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके।”
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नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर भी उठाए सवाल
राउत ने केंद्र से यह भी मांग की कि आर्थिक घोटाले के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को जल्द भारत लाया जाए। उन्होंने कहा कि जब सरकार बड़े-बड़े वादे करती है तो इन भगोड़ों को अब तक क्यों नहीं लाया गया?
“नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भी देश के आर्थिक दुश्मन हैं। अगर तहव्वुर राणा को लाया जा सकता है, तो इन दोनों को भी जल्द भारत लाना चाहिए,” – संजय राउत
राणा को फांसी: राजनीतिक टाइमिंग पर सवाल
तहव्वुर राणा, जो अमेरिका की जेल में था , 2008 मुंबई आतंकी हमलों में संलिप्तता के आरोपों में भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की प्रक्रिया से गुजर रहा है। एनआईए (NIA) उसके खिलाफ मजबूत केस बना रही है, लेकिन राउत ने इस प्रक्रिया की “राजनीतिक टाइमिंग” पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
क्या है तहव्वुर राणा का मामला?
तहव्वुर राणा पर 26/11 हमलों की साजिश में डेविड कोलमैन हेडली को भारत भेजने, जाली वीजा मुहैया कराने और हमलों से पहले रेकी में मदद देने का आरोप है। भारत लंबे समय से अमेरिका से उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है।
राजनीति या न्याय?
संजय राउत के इस बयान के बाद सियासी हलकों में बहस तेज हो गई है। क्या तहव्वुर राणा की फांसी एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा होगी या चुनावी रणनीति? यह सवाल अब चर्चा में है।