शिखा सिंह इस दौर की उभरती हुई कवियत्री हैं । संप्रति वे फर्रुखाबाद में रहती हैं और कविता सृजन कर रही हैं । स्त्री विमर्श और रिश्ते उनकी कविताओं का केंद्र रही हैं । 1. कितने कैद खानें स्त्री तेरे कितने कैदखाने मांथे पर बिंदी की कैद नाक में बेशर …
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