उत्कर्ष सिन्हा अदम गोंड़वी की इन लाईनों को पहले याद कर लें – तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है उधर जम्हूरियत का ढोल पीटे जा रहे हैं वो इधर परदे के पीछे बर्बरीयत है, नवाबी है। बीते करीब 15 …
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