जुबिली न्यूज़ ब्यूरो लखनऊ. भारतीय लोकतंत्र में जिस वक्त जातीय गोलबंदी और संगठित ताकत महत्वपूर्ण हो गयी है, उस वक्त कायस्थ राजनीतिक रूप से सबसे कमजोर दिखाई दे रहा है. उत्तर प्रदेश में कायस्थों की संख्या करीब डेढ़ करोड़ है और कई जगहों पर अच्छे घनत्व के कारण उत्तर प्रदेश …
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