शबाहत हुसैन विजेता हमें याद नहीं हैं वह पैदल लौटते मजदूर. सड़कों पर छप गए उनके खून सने पैरों के निशान कब के मिट चुके हैं. हमें याद नहीं है शाहीनबाग और लखनऊ के घंटाघर पर हज़ारों की तादाद में औरतें किस वजह से कई महीने तक मीटिंग करती रही …
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डंके की चोट पर : बाहुबली को दूरबीन से तलाश करता बाहुबली
शबाहत हुसैन विजेता उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. सरकार में बने रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी को जनता की अदालत में परीक्षा देनी है. लोकतंत्र में जनता की अदालत ही सबसे बड़ी अदालत होती है. जनता जिसे चाहती है उसे तख़्त-ओ-ताज सौंप देती है और …
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