दिनेश श्रीनेत हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा? उन पराजित योद्धाओं के लिए… तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग। सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग। थके-हारे लोग। गुमनाम लोग। वो बूढ़े पिता जो अब अकेले रह गए हैं। वो कल्पनाओं …
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