लखनऊ में नाश्ते में जलेबी के बाद जो सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है वह है खस्ता। खस्ता वही पसंद किया जाता है जो मुलायम हो और उसके साथ के आलू या मटर स्वादिष्ट हों। इसी बात का पूरा ख्याल रखते हुए 1904 में श्री गयादीन गुप्ता ने अपने घर …
Read More »Tag Archives: जायका लखनऊ का / कैसे पहुंचे शून्य से शिखर तक
अटल जी भी थे तिवारी की चाट के रसिक
उनका नाम राम नारायण तिवारी था। सुल्तानपुर के सुकुलबाजार से रोजी रोटी की तलाश में लखनऊ आये थे 1929 में। सरवाइवल के लिए शुरुआती दौर में सिर पर टोकरी लेकर गली गली चाट की फेरी लगानी शुरू की। तब पच्चीस पैसे में भर पेट चाट मिलती थी। आलू कचालू, पापड़ी …
Read More »150 साल पुरानी है सेवक राम मिष्ठान की परम्परा
क्या आपने कभी जौजी सोहन हलवा, किशमिश समोसा, मैसूर पाक, काली गाजर का हलवा, मलाई पूड़ी व कच्चे आम की खीर का नाम सुना या खायी है। अगर नहीं तो इस पुरानी परम्परा को जीवित रखे हुए हैं 150 साल पुरानी मिठाई की दुकान सेवक राम मिष्ठान भंडार। पांचवीं पीढ़ी …
Read More »जैन चाट भण्डार : शुद्ध और स्वादिष्ट की बनायी पहचान
आज से कोई पचास बावन साल पहले नावेल्टी सिनेमा के ठीक सामने बरामदे में एक छोटी सी मेज पर एक दुबले पतले सज्जन अपनी धुन में मगन ठीक चार बजे चाट की दुकान सजाने लग जाते थे। वो शुक्ला चाट वाले से तीन से चार सौ बताशे खरीदकर लाते और …
Read More »शुक्ला चाट : नाम ही काफी है
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव ये उन दिनों की बात है जब शाम होते ही लखनऊ एक बड़ा तबका (जिसमें जवान से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे) गंजिंग करने निकलता था। फिजां में इत्र महकता था। हलवासिया से काफी हाउस तक के दो चक्कर लगाने के बाद जुबान पानी छोड़ने लगती थी। तब …
Read More »चाणक्य के लड्डू : ये नहीं चखा तो कुछ नहीं किया
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव यह वह समय था जब स्टेडियम के आसपास कुछ भी नहीं था। बस सामने एक थका सा पार्क मुखर्जी फुहारऔर उसी में एक पान की दुकानऔर एक टी स्टाल हुआ करता था। फिर चौराहे का कायाल्प हुआ। दुकानें बनीं। यह बात है 1983 की। इन्हीं दुकानों में एक …
Read More »शर्माजी की चाय : सब कुछ फीका है इस चाय के आगे
चस्का ये चाय का मोहब्बत से भी लजीज है इश्क भी फीका पड़ जाए, चाय ऐसी चीज है प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव दुनिया भर में सिर्फ दो ही चायवाले मशहूर हुए हैं एक तो आप सब जानते ही हैं और दूसरे को रोज लालबाग के नुक्कड़ पर देखते सुनते और …
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