प्रीति सिंह कहते हैं कि जहां सड़के खामोश होती हैं वहां शासन आवारा हो जाता है। भारत के परिप्रेक्ष्य में ऐसा ही कुछ है। पिछले छह साल से भारत की सड़कें खामोश थी। शायद इसीलिए सरकार की मनमानी चरम पर पहुंच गई, लेकिन कहते हैं न देर आए दुरुस्त आए। …
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