शबाहत हुसैन विजेता फिल्म थके हुए दिमाग को सुकून देने का ज़रिया है. फिल्म पर इंसान इसलिए पैसा खर्च करता है क्योंकि तीन घंटे के लिए वह अपने दर्शक को एक ऐसी बनावटी दुनिया में लेकर चली जाती है जहाँ पर उसके अपने दुःख, दर्द और मुश्किलें कहीं खो सी …
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