अभिषेक श्रीवास्तव आजकल मुझे अल्लाामा इक़बाल बहुत याद आ रहे हैं। अब माहौल ही कुछ ऐसा है कि मुसलमानी नाम लेते हुए थोड़ा डर लगता है। पता चला उधर से कोई बल्लम उठाकर पूछ दिया- सुधाकर पांडे क्यों नहीं याद आ रहे? अब इससे क्या फ़र्क पड़ता है कि सुधाकर …
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