सुख और दुख में फर्क यूं खुद को बताते हो, तुम उसको याद करते हो और भूल जाते हो तुम जिसको चाहते थे, हासिल न कर सके फिर खुशनसीब क्यों भला खुद को बताते हो क्या इस ख़ुशी में तेरी कहीं गम भी है शरीक क्यों रौशनी बुझा कर जन्मदिन …
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