राजीव ओझा ठीक ही कहा गया है अज्ञानता से कहीं ज्यादा खतरनाक है आधा अधूरा ज्ञान। यह हर क्षेत्र पर लागू होता है। बड़ा खतरा यह है कि लोग आप की इस कमजोरी का फायदा उठाकर आपका इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे आजकल दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 को …
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तीस साल से इंसाफ के इंतज़ार में कश्मीरी पंडित
शबाहत हुसैन विजेता कश्मीर में इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है। सेना को कम किया गया है और सड़कों पर लोगों की आवाजाही बढ़ने लगी है। हालात को सामान्य होने की दशा में अग्रसर बताया जा रहा है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन आज़ादी के बाद से अब …
Read More »अलंघ्य बहुमत का मिथक
केपी सिंह 1971, 1980 और यहां तक कि 1985 में चुनी गई सरकार का अभूतपूर्व बहुमत कई चुनावों के लिए अलंघ्य साबित होने का अनुमान अगले ही चुनाव की कसौटी पर धराशायी हो गया। 1971 लोकसभा के पहले मध्यावधि चुनाव का गवाह बना। यह चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी में चल रहे …
Read More »दलितों के राजनीतिक आरक्षण पर भाजपा की मारीच राजनीति
केपी सिंह विधायिका में अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण के 10 वर्ष और विस्तार के लिए संसद में पहले ही प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसे 50 प्रतिशत राज्यों के विधान मंडलों के अनुमोदन की जरूरत है। इस कवायद में गत वर्ष के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश विधान मंडल के …
Read More »राजनीतिक शुचिता की परवाह कब करेगा संघ
केपी सिंह वैश्विक पैमाने पर जब पत्रकारिता की ताकत की चर्चा होती है तो अमेरिका के वाटरगेट कांड का उदाहरण दिया जाता है। इसमें वाशिंगटन पोस्ट के खुलासे के कारण अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन को बेआबरू होकर गददी छोड़नी पड़ी थी। विडंबना यह है कि इस मामले में अपने …
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