अभिषेक श्रीवास्तव दस दिन बाहर रह के लौटा तो पहले चौराहा चक्रमण में ही पंडीजी दिख गए। दाढ़ी बेतरतीब बढ़ी हुई। आंखों के नीचे काले गड्ढे। कोटरों में पुतलियां कुछ धंसी हुई सी। चेहरे पर सन्नाटा। क्या हालचाल महराज? जय श्रीराम भइया- हमेशा की तरह सधा हुआ सीधा जवाब आया। …
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