डा. रवीन्द्र अरजरिया पराविज्ञान की मान्यताओं का परचम आज भी फहरा रहा है। ज्योतिषीय गणनायें ही अंतरिक्ष विज्ञान की आधार मानी जाने लगी हैं। खगोल शास्त्र तो कब से वैदिक ज्ञान को सर्वोपरि मान बैठा है परन्तु तर्क, वितर्क और कुतर्क के मायाजाल में फंसे लोगों का एक अलग ही …
Read More »