जयनारायण प्रसाद मेरी पत्रकारिता के युवा दिनों के साथी परबंत सिंह मैहरी अब इस दुनिया में नहीं है। उनके निधन की खबर मुझे देर से मिली। मैं उन्हें तब से जानता था, जब वे पगड़ी बांधते थे। हिंदी की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में हमने एकसाथ लेखन किया। तब मैं कुमार भारत …
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