जुबिली स्पेशल डेस्क लखनऊ। उत्तर प्रदेश के रामपुर से एक बेहद खौफनाक देखने को मिली है। जानकारी के मुताबिक यहां पर एक हैवान पति ने अपनी पत्नी के साथ बेहद दिल-दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया है। दरअसल यहां पर एक पति ने अवैध संबंधों के शक में सारी …
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‘कर्मचारी चयन आयोग’ की लापरवाही से खतरे में लाखों छात्र
जुबिली न्यूज़ डेस्क कोरोना वायरस की दहशत में एक ओर जहां दुनियाभर में लॉक डाउन जैसे हालात हैं वहीं कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा करवाने में व्यस्त है। आयोग न जाने किस हठधर्मिता में लाखों छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है। जब देशभर में धारा 144 …
Read More »दृष्टिकोण से बदल जाती है जीवन की दिशा इसलिए खुश रहिए सदा
जुबिली न्यूज़ डेस्क जीवन जीना एक कला है. यह तो आपने सुना ही होगा साथ ही अपने आस-पास कई तरह के लोगों को देखा होगा। कुछ लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर भी बहुत परेशान और तनाव में रहते हैं जबकि कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बड़ी से बड़ी …
Read More »सरकारी नौकरी पाने का है सुनहरा अवसर, आवेदन के लिए बचे हैं 2 दिन
जुबिली न्यूज़ डेस्क सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भारतीय डाक विभाग में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर है। विभाग ने महाराष्ट्र में कुल 3650 पदों पर भर्तियां निकाली है। जो भी उम्मीदवार इच्छुक हैं यह खबर उनके लिए ही है। आवेदन की प्रक्रिया 1 नवंबर से …
Read More »ज्यादा सेक्स के बाद भी भारतीय संतुष्ट क्यों नहीं ?
राजीव यह कैसी विडंबना है, कैसा विरोधाभास, कौन सी साजिश है। पूरी दुनिया को कामसूत्र जैसा उत्कृष्ट और महान ग्रन्थ देने वाले देशवासियों को सेक्स के मामले में दकियानूस बताया जा रहा। कहा जा रहा कि भारतीय जरूरत से ज्यादा सेक्स करते हैं लेकिन वो सेक्स का आनंद नहीं ले …
Read More »घट रहा लखनऊ के लोगों का जीवनकाल
सीड और एपिक के कॉन्फ्रेंस में शहर में एयर क्वालिटी और स्वास्थ्य स्तर पर परिचर्चा लखनऊ। सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने एपिक (Energy Policy Institute at the University of Chicago-EPIC)) के साथ मिल कर राजधानी में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसका मकसद वायु प्रदूषण के मानव …
Read More »साहब लगता है रिटायर हो गए..!
राजीव ओझा साहब बहुत बदल गए..! लगता है रिटायर हो गए हैं। आपका अनुमान बिलकुल ठीक है। न बंगला, न गाड़ी न ही पहले जैसा भौकाल। साहब जिसको समझ रहे थे भौकाल, वो थी समय की चंचल चाल। साहब अब कुछ कुछ समझ रहे, डिप्रेशन से भी उबर रहे। कुछ …
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