शाखाएं मौसम हवायें सब उसी के खिलाफ हैं बस इसीलिए वो पत्ते आवारा हुए जा रहे हैं कलम दवात दिख रहे हैं आज कल मयखाने में ज़रूर कुछ लोग आज शायर बने जा रहे हैं । जंग ज़रूरतें और ज़िम्मेदारियों के बीच छिड़ी हुई है , और बेचारे ख्वाब हार …
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सुख और दुख में फर्क यूं खुद को बताते हो…
सुख और दुख में फर्क यूं खुद को बताते हो, तुम उसको याद करते हो और भूल जाते हो तुम जिसको चाहते थे, हासिल न कर सके फिर खुशनसीब क्यों भला खुद को बताते हो क्या इस ख़ुशी में तेरी कहीं गम भी है शरीक क्यों रौशनी बुझा कर जन्मदिन …
Read More »तुम्हारा हंसना मादक है, मैंने बुरा नही माना…
तुम्हारा हंसना मादक है, मैंने बुरा नही माना, लेकिन मेरे आंसू का प्रिय तुमने भेद नही जाना। अपनेपन के हृदय मुकुर मे, परिचित मेरी तेरी छाया, सुख दुख के स्वप्नो की सरिता, पलकों का मन लगे पराया। नयनो के सावन का बादल, बनकर तुमको पहचाना।लेकिन .. स्मित अधरों की रेखा …
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