नवेद शिकोह मातृभूमि भारत माता की तरह पत्रकारिता का पेशा भी मां की तरह है। दुर्भाग्य कि इस मां का हर रोज़ बलात्कार होता है। पत्रकारिता के पेशेवर ही ऐसे बलात्कार को अंजाम देते हैं। करीब हर रोज़ पत्रकारों की गिरफ्तारी की खबरें आती हैं। कभी-छुटपुट मामले होते हैं तो …
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मीडिया क्यों शाबाशी और समर्थन की हकदार है ?
केपी सिंह कलयुग बोध पत्रकारिता में भी सालता है। इस बोध के चलते लगता है कि वर्तमान बहुत खराब जमाने के रूप में सामने है। अतीत में जो लोग पत्रकारिता में थे वे बहुत पवित्र आत्माएं थीं, आज सबकी सोच बहुत गंदी है। नेता की बात चले, पुलिस की बात …
Read More »जानिए गाँधी जी के अंतिम पलों के गवाहों की कहानी
नेशनल डेस्क नई दिल्ली। मृदुला गांधी भारतीय इतिहास का एक जाना-पहचाना चेहरा है। जिसने आखिरी दो साल में महात्मा गाँधी के साथ ‘सहारा’ बनकर साये की तरह रही। फिर भी यह चेहरा लोगों के लिए एक पहेली है। 1946 में सिर्फ 17 वर्ष की आयु में यह महिला महात्मा …
Read More »जानिए गाँधीजी की 150वीं जयंती पर देश में क्या-क्या है तैयारी
नेशनल डेस्क नयी दिल्ली। 2 अक्टूबर को भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों महात्मा गाँधी के जयंती धूम-धाम से मनाई जा रही है। देश में स्कूलों और राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों सहित दिल्ली स्थित गाँधी प्रतिमा पर गाँधी जी की जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा …
Read More »गांधी के आइने में आज की पत्रकारिता
केपी सिंह गांधी जी का योगदान बहुआयामी और विराट रहा है। इसलिए एक बार में उन पर समग्र चर्चा संभव नही हो पाती। गांधी जी ने लोगों में स्वाधीनता की लौ उद्दीप्त करने के लिए पत्रकारिता को भी प्रमुखता से अवलंब बनाया था। लेकिन इस पर बहुत कम विमर्श हुआ …
Read More »‘रैमन मेग्सेसे अवॉर्ड’ पाने के लिए जर्नलिज्म जरुरी है क्या ?
न्यूज़ डेस्क। साल 2019 के लिए रैमन मेग्सेसे अवॉर्ड की घोषणा हुई, जिसमें रवीश का नाम भी शामिल है। रवीश कुमार को यह सम्मान दिए जाने की घोषणा के बाद से उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर बधाई दी जा रही है. साथ ही ट्विटर पर #RamonMagsaysayAward और #RavishKumar ट्रेंड कर …
Read More »राजनीतिक शुचिता की परवाह कब करेगा संघ
केपी सिंह वैश्विक पैमाने पर जब पत्रकारिता की ताकत की चर्चा होती है तो अमेरिका के वाटरगेट कांड का उदाहरण दिया जाता है। इसमें वाशिंगटन पोस्ट के खुलासे के कारण अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन को बेआबरू होकर गददी छोड़नी पड़ी थी। विडंबना यह है कि इस मामले में अपने …
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