उनका नाम राम नारायण तिवारी था। सुल्तानपुर के सुकुलबाजार से रोजी रोटी की तलाश में लखनऊ आये थे 1929 में। सरवाइवल के लिए शुरुआती दौर में सिर पर टोकरी लेकर गली गली चाट की फेरी लगानी शुरू की। तब पच्चीस पैसे में भर पेट चाट मिलती थी। आलू कचालू, पापड़ी …
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