राजीव ओझा लखनऊ वालों के लिए इस बार का क्रिसमस सही मायने में बड़ा दिन था। बड़ा दिन क्यों न हो जब क्रिसमस पर दो दो सैंटा आ जाएँ । कहाँ तो दोपहर तक सैंटा क्लॉज शहर को एक भी उपहार नहीं दे सका था। लेकिन तभी एक और “सैंटा” …
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