मौत ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सच है. जिसे ज़िन्दगी मिली है उसे मौत का मज़ा भी चखना है. मरना कोई भी नहीं चाहता. लाख दुश्वारियां हों मगर इंसान जिए जाता है. उम्र में एक पड़ाव ऐसा आता है जिसमें इंसान फिर से बच्चा बन जाता है. उसे हमेशा किसी सहारे …
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त्रासदी की ग़ज़ल : रोटियाँ तो रेलवाली पटरियाँ सब खा गईं
संकट काल में संवेदनाएं झकझोरती है और कलमकार उसे अल्फ़ाज़ की शक्ल में परोस देता है. ये वक्त साहित्य रचता है और ऐसे वक्त के साहित्य को बचा कर रखना भी जरूरी है. जुबिली पोस्ट ऐसे रचनाकारों की रचनाएं आपको नियमित रूप से प्रस्तुत करता रहेगा । सुपरिचित कवियत्री रचना मिश्रा …
Read More »ज़िन्दगी के रंग इसी माहौल से पैदा होते हैं
शबाहत हुसैन विजेता दवा खरीदने के लिये मेडिकल स्टोर पर गया। इस मेडिकल स्टोर के एक हिस्से में स्किन स्पेशलिस्ट डाक्टर का चैम्बर भी है। नेमप्लेट के साथ ही लिखा है कंसल्टेशन फीस 300 रुपये। उस मेडिकल स्टोर के मालिक के हाथ से लेकर सर तक में सफ़ेद दाग …
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