सुरेंद्र दुबे आज क से करोना ,क से केरल और क से कर्नाटक की बात करते हैं। कोरोना संकट से निपटने में सबसे ज्यादा तारीफ केरल राज्य की होती है क्योंकि वहां न केवल शुरुवाती दौर में ही कोरोना पर काबू पा लिया गया बल्कि कारगर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के …
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तालियां तो ठीक हैं थालियों की व्यवस्था कौन करेगा?
सुरेंद्र दुबे पूरा देश इस समय कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है। भारत इस समय कोरोना वायरस के दूसरे दौर से गुजर रहा है। तीसरा दौर सबसे खतरनाक होता है, जब यह वायरस कम्युनिटी स्प्रेड के मोड में आ जाता है। यही इसका सबसे खतरनाक दौर होता है। …
Read More »इतिहास के साथ नेतागिरी न करें
सुरेंद्र दुबे लगता है देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ का सिलसिला अब शुरु हो गया है। वैसे इतिहास, इतिहासकार लिखते रहे हैं पर न्यू इंडिया में यह काम राजनीतिक दल करने को उतावले मालूम देते हैं। ऐसा भी समय आ सकता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग …
Read More »ये जिद हमें कहां ले जायेगी
सुरेंद्र दुबे भारतीय जनता पार्टी में विवादित बोल बोलने वाले नेताओं की एक लंबी फौज है। देखने में ऐसा लगता है जैसे इन लोगों के घटिया व्यवहार और बयान इनके अपने हैं पर ऐसा है नहीं। ऐसे नेताओं को भाजपा पूरी तरह संरक्षण देती है और आलोचना से बचने के …
Read More »दुर्गा के देश में दुर्गा की दुर्दशा
सुरेंद्र दुबे हमारे धर्मग्रंथों में नारी शक्ति को दुर्गा के रूप में पूजा गया है, परंतु उसे नारी रूप में कभी सम्मान नहीं दिया गया। हमने उसे जगह-जगह मंदिरों में स्थापित कर दिया पर उसे अपने समाज में कभी सम्मान व आदर प्रदान नहीं किया। दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक …
Read More »ईडी का डंडा-महाराष्ट्र का फंडा
सुरेंद्र दुबे आजकल राजनीति में राजनैतिक समीकरणों तथा नेताओं की तिकड़मबाजी से ज्यादा महत्व सीबीआई और ईडी का हो गया है। बड़े-बड़े नेता कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हुए हैं। इसलिए भाजपा सबसे ज्यादा इसी हथियार का इस्तेमाल करने लगी है। मैंने 20 नवंबर को ही अपने …
Read More »बिना एनसीपी के कैसे बनेगी कोई सरकार!
सुरेंद्र दुबे महाराष्ट्र में अजब ड्रामा चल रहा है। पता नहीं चल रहा है कि वहां सरकार बनाने के लिए संघर्ष हो रहा है कि सरकार न बनाने के लिए संघर्ष हो रहा है। एक हफ्ते से ऊपर हो गया है भाजपा और शिवसेना के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। …
Read More »जनता ने खुद तैयार किया विपक्ष
सुरेंद्र दुबे लोकतंत्र में नेता सिर्फ एक मोहरा होता है। जनता जब जिस मोहरे को चाहती है चल देती है और जब चाहती है तो मोहरे को उठाकर फेक देती है। राजा बिला वजह मुगालते में रहता है कि मोहरे उसके इशारे पर शतरंज के बिसात पर चल रहे हैं। …
Read More »छात्रों को चोंगा पहनाकर नकल रोकने का पागलपन
सुरेंद्र दुबे परीक्षाओं में नकल नहीं होनी चाहिए। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। पर नकल रोकने के नाम पर क्या हम छात्रों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार कर सकते हैं। क्या छात्रों को गत्ते का चोंगा पहनाकर नकल रोकने की बहिशियाना हरकत की इजाजत दी जा सकती …
Read More »मंदिर ही है असली ‘ब्रह्मास्त्र’
सुरेंद्र दुबे पूरे देश में युद्ध चल रहा है। भले ही चुनावी युद्ध है पर किसी महाभारत से कम नहीं। महाभारत की याद आई तो हरियाणा को याद करना ही पड़ेगा, जहां कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में अर्जुन बार-बार युद्ध से भाग रहा था। …
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