डा. रवीन्द्र अरजरिया राजनीति में आदर्श, सिध्दान्त और मान्यतायें बदलते देर नहीं लगती। मंच से कोसने वालों को गले लगाने में भी इन्हें कोई झिझक नहीं होती। अवसरवादिता की जीती जागती परिभाषा गढ़ने में लगे यही दल, देश की तकदीर संवारने का दावा करते हैं, जो स्वयं के हितों के …
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