प्रमुख संवाददाता लखनऊ. लोक संगीत और संस्कृति मात्र संग्रहालय में सहेजने की वस्तु नहीं, यह जब तक सहजता के साथ व्यवहार में रहेगी तभी तक जीवित रहेगी। इसे संरक्षित करना उस संस्कृति से जुड़े हर व्यक्ति का, समाज का, शासन व्यवस्था और यहां तक कि न्याय व्यवस्था का भी दायित्व …
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