शबाहत हुसैन विजेता चाणक्य अगर चाहता तो खुद राजा बनकर सिंघासन पर बैठ सकता था. उसे क्या ज़रूरत थी कि चन्द्रगुप्त को राजा बना दे. चाणक्य कोई साधारण ब्राह्मण नहीं था जो अपने सर पर शिखा धारण कर अपनी शिखा को ही अपने जीवन यापन का ज़रिया बना ले. उनकी …
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