अली रज़ा अम्बेडकर नगर. राजनीति और मौसम दोनों अपनी वफ़ादारी को कूड़ेदान में डालकर बेईमान हो जाते हैं और गिरगिट की तरह दोनों रंग बदलते हैं. मौसम के रंग बदलने की बेईमानी पर एक गाने की यह लाइन एक दम सटीक बैठती है कि आज मौसम बड़ा बेईमान है. वैसे …
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