देश में दलगत राजनीति ने एक नये विभाजन का स्वरूप गढना शुरू कर दिया है। नागरिकों की मानसिकता पर अब व्यक्तिवाद हावी होकर स्वार्थपरिता के हिंडोले पर झूलने लगा है। परिवादवाद पर आधारित पार्टियों के मध्य जनसेवकों की समाजसेवा का स्वरूप चाटुकारिता के रूप में परिवर्तित हो गया है। व्यक्तिगत …
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चंद्रशेखर जो गैर कांग्रेसी होने के बावजूद संघ द्वारा इस्तेमाल नहीं हो पाए
शाहनवाज़ आलम चंद्रशेखर जी जब प्रधानमंत्री बने तब हम 10 साल के थे. यानी चीज़ों को दृश्य के स्तर पर समझने की उम्र में दाख़िल हो ही रहे थे. अगले देढ़ दशक तक हमारी तरह बलिया के बहुत सारे लोगों के चेतन-अवचेतन को प्रभावित-परिभाषित उन्होंने ही किया. उस दौर की …
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