उनका हिन्दी प्रेम बेमिसाल है। जब देखो, जहां देखो, हिन्दी के हिमायती बने विशुद्धता के साथ हिन्दियाते रहते हैं। हिन्दी के ऐसे-ऐसे शब्द, कोश से बीनकर, छाड़-फूंक कर लाते कि सुनने वाला चकरा जाए कि क्या यह हिन्दी ही है। उसे अपने हिन्दुस्तानी होने पर शर्मिन्दगी महसूस होने लगती। जब …
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